मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010

जनमतकांग्रेस के युवराज राहुल जी की नई राज भाषा

कांग्रेस के युवराज राहुल जी की नई राज भाषा
अभी २०१४ और राहुल जी का राज वाकी है युवराज राहुल जी की नई भाषा और नये संवोधन विहार के उस स्थान से सुनने को मिले जहा पर महात्मा बुद्ध ने ग्यान पाया था और यही से बुद्ध धर्म और बौद्ध दर्शन सारी दुनिया मे गया,

अब देश और हमारा दुर्भाग्य देखिये राहुल जी जिन्हें तथाकथित कांग्रेस के सोनिया राहुल या गांधी नेहरू परिवार के भक्त काल का प्रधानमंत्री वनाने पर आमादा है, हमारे देश भक्त NSG कमांडो और सुरक्षा वालो के जवानो को किस नजरिये से देखते है काल के संवोधन मे राहुल जी कहते है कि "जब मुंबई मे २६/११ का हमला हुआ और NSG के लडके जो उत्तरप्रदेश और बिहार से थे मुंबई वालो को वाचाया तब राज और शिव सेना को भैया नहीं दिखाई दिए और राहुल जी को हमारे वीर जवान लड़के दिखाई दिए ये भाषा राहुल जी कहा से सीखकर आये ये हमारी हिन्दी और भारत की भाषा तों कदापि नहीं हो सकती है , राहुल जी के यंगस्थान की होगी मेरे देश की नहीं , इस भाषा से जिहादियो की और आतंकवादियों की वू आती है जिहादियो की भाषा मे जो युवा किसी टार्गेट को अंजाम तक ले जाते है उन्हें जिहादी लड़ाके कहते है राहुल जैसे लोगो को इतना तों सोचना ही होगा , कि देश भक्त हमारे वीर जवान क्षेत्र, भाषा, जाती या धर्म के नहीं वरन भारत के है , राहुल की इटालियन भाषा, संस्कृति और समाज ऐसी आजादी देता होगा हमारा भारत किसी राहुल गांधी जैसी तानासाही विचारधारा को ना तों स्वीकार करता है और नाही वाड़ावा देगा ............................... आखिर राहुल गांधी है कौन एक आम संसद सो देश मे ५५२ संसद है कांग्रेस के माहासचिव सो हर पार्टी की भाती कांग्रेस मे और भी माहासचिव और अन्य पद आधिकारी गन है फिर राहुल जी किस आधिकार से हर फेसले मे हस्तक्षेप और निर्णय लेते है , हमारे लोकतन्त मे लोगो दवार चुना हुआ मंत्री समूह निर्णय लेता है , आज निर्णय राहुल जी लेते है और जी हूरी प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रालय ये देश को इटली वानाने पर उतारू है जहा लोकतन्त कैसी कोई संस्था नहीं है हमारे देश की लोक्तान्तिरिक व्यवस्था को गृहयुद्ध की और ले जा रहे है या उन ताकतों को हवा दे रहे है जो देश हित मे नहीं है

सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

राहुल की वेशर्मी और निर्लज्gta पर कोई ताजुव नहीं





समाज में व्यवहार और व्यवस्था की सीमाए होती है जब इनका उलंघन होता है तो न्यायालय और क़ानून सीमाए तय करता है और हमारे देश में जो क़ानून के रखवाले है हमारे समाज में व्यवहार और व्यवसथाओ पर गेय और अशलिलाताये थोपने पर उतारू है आखिर हम जा कहा रहे है और समाज के ये ठेकेदार जो समाज और सत्ता पर आसीन है

नग्नता को परिभाषित करेगे ,साथ ही साथ उसे हमारे भारतीये समाज पर प्रयोग करते है शादी हमारे लिए रिश्तो का आईना है अब तथाकथित विकाऊ और वीके हुए प्रणव राय जैसे सैकसो जो किसी और देश में होते तो देश दूरोह पर फासी पर पहुच गए होते , हमारे देश में ना केवल है वल्कि फल-फूल रहे है और समाज के लिए नासूर वने हूए है,

हमारी संस्कृति की माँ सीता राधा और द्रौपदी से तुलना करे शर्म भारतीयों को और डूब मरना चाहिए हिंदुओं को और हिंदुत्व की बात करने वालों को कुछ टी.वीं समूह वाले पैसा और राजनैतिक ताकत के वाल पर या पैसा और राजनैतिक ताकत के लिए ये सब कुछ होने दे रहे है आप इतना पक्का समझ ले ये सब हमारे विवह जैसे पवित्र और समाज में नैताकिता के मूल्यों और समाज को बाज़ार के सथा जोड़ने की कोसिसा है और कुछ दिनों वाद टी. वीं के माध्यम से वर वधुओ को खरिदा और बेचा जयेगा और जो दलाली ( में कमाई नहीं कहूँगा ) मिलेगी उसे फिर से टी. वीं पर तलाक के सो के रुप में पेस किया जयेगा



आप राखी जैसी लडकी से उम्मीद रखते है की वो जीवन साथी के साथ रहेगी, पैसा जिसका दीन ईमान और अशलिलाता,नग्नता जिसके संस्कार हो, हमारी माँ सीता, द्रौपदी, रूकमनी, और ना जाने कितनी पौड़ानिक,और ऐतिहासिक चरित्रों को चीडाती और अशलिलाता,नग्नता से करोडो कामा लेती है, ये लोग राखी के स्वम्वार से सिख लेने के जगह अब चरशी और आईयासी की प्रतिमूर्ती राहुल महाजन को लेकार आये है राहुल जो ना अपने माँ-बाप का हुआ ना अपनी पत्नी का वो वेशर्म और निर्लज्gta टीवी शो में शादी करेगा मुझे राहुल की वेशर्मी और निर्लज्ज पर कोई ताजुव नहीं दुःख तो उन लडकियों का है जो भले घरो से है और पैसो और नाम की खातिर सबकुछ खोने पर उतारू है मेरे भाइयों समाज आप का है और देश भी आप हिंदू ,मुस्लिम ,जैन और ईसाई कोई भी हो सकते पर समाज में दलाल तो कदापि नहीं अगर हा तो फिर तैयार हो जाओ 1 feb. से पहले ही विरोध के लिए कवि हरदयाल कुशवाहा


HAMARI VARUNA
आज कल ऐसे ही लोग समाज के रोल माडल बने हुए है. हमारा मीडिया और हम आप भइए उन्ही के पीछे भागते, उन्हें ही देखते है.
ऐसे में किस प्रकार से बदलाव की आशा कैसे की जाएगी, इस पर विचार किया जाना बहुत जरुरी होगया है,
आने वाली पीढ़ी कों तो हम इन रोल माडल की घुट्टी ही पिला रहे है, वह तो इन्हें ही सफल लोगो के रूप में जानती है, आज हम आप जैसे लोग बहुत पीछे छूटते जा रहे है. हमारी समाज के प्रति यह सोच आज कल के ज़माने में बैकवर्ड सोच कही जाती है.
लेकिन घबराने की कोई बात नहीं, घने अँधेरे में दीयों की गिनती हमेशा कम होती है और इतिहास की किताबे उन्ही दियो की रोशनी में पढ़ी जाती है.

गुरुवार, 25 जून 2009

शर्म भारतीयों हिंदू ,मुस्लिम ,जैन और ईसाई

एक दो कोडी की ओकाद रखनेवाली जिसे ना कपड़ों का लिहाज ना बोलने का ना ही घर की मर्यादाओं का और जो एक हमारी देश की सम्मानित वेश्याओं से भी ज्यादा गिर चुकी हो और जिसे नाम कमाने की ऐसी धुन स्वर हो चुकी हो की घर के भाई बाप के साथ सोने के बाद मीडिया के समाने अपने कपड़े नहीं दिखयेगी (मोनिका की तरह ) स्व्म नग्न खड़ी हो फोटो और वीडियो वनवाये ऐसी औरतें हमारी संस्कृति की माँ सीता राधा और द्रौपदी से तुलना करे शर्म भारतीयों को और डूब मरना चाहिए हिंदुओं को और हिंदुत्व की बात करने वालों को कुछ टी.वीं समूह वाले पैसा और राजनैतिक ताकत के वाल पर या पैसा और राजनैतिक ताकत के लिए ये सब कुछ होने दे रहे है आप इतना पक्का समझ ले ये सब हमारे विवह जैसे पवित्र और समाज में नैताकिता के मूल्यों और समाज को बाज़ार के सथा जोड़ने की कोसिसा है और कुछ दिनों वाद टी. वीं के माध्यम से वर वधुओ को खरिदा और बेचा जयेगा और जो दलाली ( में कमाई नहीं कहूँगा ) मिलेगी उसे फिर से टी. वीं पर तलाक के सो के रुप में पेस किया जयेगा मेरे भाइयों समाज आप का है और देश भी आप हिंदू ,मुस्लिम ,जैन और ईसाई कोई भी हो सकते पर समाज में दलाल तो कदापि नहीं अगर हा तो फिर तैयार हो जाओ 29 जून से पहले ही विरोध के लिए